शनिवार, 7 मई 2011

ओसामा जी

2 मई 2011, ओबामा ने दावा किया कि अमेरिका ने ओसामा को ठिकाने लगा दिया है.. और वह अब और आतंकवादियों को निपटाने में लग गया है.. इसका मतलब साफ़ है कि युद्ध शुरू हो चुका है.. ईसाइयों और मुसलमानों के बीच.. खैर वो सब तो बाद की बात है.. पर यह जो हुआ वो मुसलमानों के लिए अच्छा नहीं हुआ.. अमेरिका ने उनके ग्यारहवें पैग़म्बर को मार कर बहुत बुरा किया... इसीलिए तो तमाम मुसलमानों ने ओसामा के लिए फातिये पढ़े.. आँसू बहाए और विलाप किया..

चलिए ये सब छोड़िए... हमें तो मुसलमानों की फ़ितरत पता ही है.. हमें कोई आश्चर्य नहीं हुआ.. पर जरा दिग्विजय सिंह जैसे सैक्युलरों की भी सुनिए.. इन महाशय ने ओसामा के नाम के आगे इतनी बार जी लगाया जितनी बार अपने सगे पिता के नाम के आगे नहीं लगाया होगा.. पर ऐसा उस परम नीच व्यक्ति ने क्यों किया.. उसका मतलब सिर्फ़ और सिर्फ़ मुसलमान 'भाइयों' को खुश करना था.. ओसामा के मरने से ये बर्बर कौम काफ़ी दुखी है.. और दिग्विजय को भी लगता है कि ये नृशंस आतंकी को श्रद्धांजलि देने से इस पशु समान कौम को भी सान्तवना हो जाएगी.. बेचारा हिन्दू बस यही गाता रहेगा.. ईश्वर अल्लाह तेरो नाम..
2 मई 2011, ओबामा ने दावा किया कि अमेरिका ने ओसामा को ठिकाने लगा दिया है.. और वह अब और आतंकवादियों को निपटाने में लग गया है.. इसका मतलब साफ़ है कि युद्ध शुरू हो चुका है.. ईसाइयों और मुसलमानों के बीच.. खैर वो सब तो बाद की बात है.. पर यह जो हुआ वो मुसलमानों के लिए अच्छा नहीं हुआ.. अमेरिका ने उनके ग्यारहवें पैग़म्बर को मार कर बहुत बुरा किया... इसीलिए तो तमाम मुसलमानों ने ओसामा के लिए फातिये पढ़े.. आँसू बहाए और विलाप किया..

चलिए ये सब छोड़िए... हमें तो मुसलमानों की फ़ितरत पता ही है.. हमें कोई आश्चर्य नहीं हुआ.. पर जरा दिग्विजय सिंह जैसे सैक्युलरों की भी सुनिए.. इन महाशय ने ओसामा के नाम के आगे इतनी बार जी लगाया जितनी बार अपने सगे पिता के नाम के आगे नहीं लगाया होगा.. पर ऐसा उस परम नीच व्यक्ति ने क्यों किया.. उसका मतलब सिर्फ़ और सिर्फ़ मुसलमान 'भाइयों' को खुश करना था.. ओसामा के मरने से ये बर्बर कौम काफ़ी दुखी है.. और दिग्विजय को भी लगता है कि ये नृशंस आतंकी को श्रद्धांजलि देने से इस पशु समान कौम को भी सान्तवना हो जाएगी.. बेचारा हिन्दू बस यही गाता रहेगा.. ईश्वर अल्लाह तेरो नाम..