tag:blogger.com,1999:blog-1629977906422155336.post4027091675475148658..comments2022-11-23T02:38:50.676-08:00Comments on आँखें खोलो हिंदुओं: टिप्पणी पर टिप्पणीprakharhindutvahttp://www.blogger.com/profile/06759795008994768937noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1629977906422155336.post-84214541787224294942008-12-20T10:11:00.000-08:002008-12-20T10:11:00.000-08:00Ya u had rightly sid................Ur thougts are...Ya u had rightly sid................<BR/>Ur thougts are rally patriotic......<BR/>keep writing india needs a person like u..................<BR/>May god will give u what u want in ur life.<BR/><BR/>Vande MatramUnknownhttps://www.blogger.com/profile/06869182455081883024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1629977906422155336.post-44508148434333378532008-12-08T19:47:00.000-08:002008-12-08T19:47:00.000-08:00आप जैसे पागल लोगों ने इस देश को कत्लोगारत का मैदान...आप जैसे पागल लोगों ने इस देश को कत्लोगारत का मैदान बना दिया है।<BR/><BR/>आज तक हिन्दु ने कभी किसी को नही मारा हिन्दु एक यैसा गाय है जिसके पास सिंग तो है लेकिन मक्खी भगाने के लिये अपने पुछ का उपयोग करती है।<BR/><BR/>भगत सिंह ने कहा था सांप्रदायिक होना इंसानियत का दुश्मन होना है ...आप हैं<BR/><BR/>झूठी बात है यै भगत सिंह ने यैसा कभी नही कहा है। सचिंद्रनाथ सान्याल के जरिए ही भगत सिंह 1924 में क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़े थे. क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़ने के बाद भी इस बात के प्रमाण हैं कि भगत सिंह 1928 तक आर्यसमाज से जुड़े रहे. वो 1928 में जब कलकत्ता गए तो आर्यसमाज में ही रुके थे| भगत सिंह की शहादत की खूँटी पर वामपंथी अपनी मुर्दा विचारधारा की लाश लटकाने की कोशिश कर रहे हैं| दरअसल, वामपंथी भगत सिंह की शहादत को आज भी भुनाना चाहते हैं ताकि उनकी लगभग मर चुकी विचारधारा और पार्टी में फिर से कुछ दमखम आ सके|<BR/><BR/>ये लेख पढ़ लो <BR/>http://ckshindu.blogspot.com/2007/09/blog-post_5889.html<BR/><BR/>हिन्दुस्तान किसीके बाप का नहीं है<BR/><BR/>हिन्दुस्तान मेरे बाप का है इस हिन्दुस्तान को बनाने हमारे बाप दादाओं का खुन लगा है अब अगर कोई हरामी इसे बर्बाद करेगा तो हम सभी आख बन्द करके नहीं बैठेगें। अपने सत्ता बचाने के लिये जिसने अबने बहू-बेटी तक को मुगलों के हवाले किया, रायबहादूरी, चौधरी के खिताब पाने के लिये जिसने अंग्रेजों का तलवा चाटा उसे लगता है कि हिन्दुस्तान किसी के बाप का नहीं है|<BR/><BR/>खदेडा मोदी को करकरे के घरवालों ने भी था उसकी बात क्यों नहीं करते?<BR/>भगवान सब देखता है इससे ज्यादा कुछ नही कहूगा। किसके साथ क्या हूआ संसार देख रहा है।<BR/><BR/>लाशों पर सत्ता के महल बनाने वालों के अंत से ही यह देश प्रगति करेगा और ये होगा ही<BR/><BR/>इस देश में प्रगति होगा इसमें कोई शंका नही है लेकिन कौन करेगा प्रगती हमें ये देखना है। जो बच्चा अपनी माँ के गर्भ के समय से ही अमेरिका का ग्रिन कार्ड और विजा का सपना देखता हो अगर वैसे आदमी देश प्रगति का बात करें तो हँसी आती है।<BR/><BR/>राष्ट्रवाद भी विदेशों में ही जन्मा है<BR/><BR/>जब विदेशीयों को राष्टृवाद का ABCD भी नही पता था तब भगवान श्री राम ने श्री लंका जा कर राष्टृवाद का प्रचार किया था में पहले ही कह चूका हू कि अपने सत्ता बचाने के लिये जिसने अपने बहू-बेटी तक को मुगलों के हवाले किया, रायबहादूरी, चौधरी के खिताब पाने के लिये जिसने अंग्रेजों का तलवा चाटाने में जिसने अपना समय लगाया है उसे क्या पता कि राष्ट्रीयता क्या चिज है हिन्दुस्तान प्रगती करेगा लेकिन यैसे तत्व जब तक हिन्दुस्तान में रहेंगे जिन्हें अपने संस्कृ्ती, संस्कार के बारे में पता नही है जिन्हें लगता है कि हिन्दुस्तान में जो कुछ भी है विदेशीयों की ही देन है यैसे आदमी जब तक हिन्दुस्तान में रहेंगा हिन्दुस्तान कभी प्रगती नही करेगा।<BR/><BR/>http://ckshindu.blogspot.comfgfgdghttps://www.blogger.com/profile/07685995780249664825noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1629977906422155336.post-90631237967085662732008-12-08T01:11:00.000-08:002008-12-08T01:11:00.000-08:00किसी विषय का पूर्ण अध्ययन किए बिना ,पूरी जानकारी प...किसी विषय का पूर्ण अध्ययन किए बिना ,पूरी जानकारी प्राप्त किए बिना कोई विचार धारा बना लेना कहाँ तक उचित होता है ये मैं नहीं समझ पाऊंगा / अध्ययन करके एक बात तो बुरी बताओBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1629977906422155336.post-16577647362074671932008-12-07T07:12:00.000-08:002008-12-07T07:12:00.000-08:00मैं किसी के विनाश की नहीं अपनी उनन्ति की सोचता हूँ...मैं किसी के विनाश की नहीं अपनी उनन्ति की सोचता हूँ, पर मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि क़ुरान में ऐसा लिखा है कि इस्लाम क़ुतबों(छोटे समूह) में बँटकर स्वयं समाप्त हो जायेगा। जबकि हिन्दु धर्म में ऐसी कोई मान्यता नहीं!Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1629977906422155336.post-36125205939015333172008-12-07T02:28:00.000-08:002008-12-07T02:28:00.000-08:00वास्तव मे ब्लाग की सुविधा से व्यस्थित-देशभक्त-मौलि...वास्तव मे ब्लाग की सुविधा से व्यस्थित-देशभक्त-मौलिक ढंग से सोचने वालो को अपनी अभिव्यक्ति का एक अच्छा साधन मिल गया है। जबकि मिडीया मे उन देशद्रोही वामपंथियो का एकाधिकारपुर्ण कब्जा हीं है। इन्दिरा गांधी ने देश के सारे बौद्धिक संस्थाओ को इन हरामियो के हवाले कर दिया था - वहां बैठ कर सरकारी धन खाते हुए ये हरामी देश विरोधी विचारधाराओ को दार्शनिक आवरण मे लपेट कर पेश करते रहे। इन्होने खुद को बौद्धिक वेश्याओ की तरह पेश किया और वेटीकन जैसी संस्थाओ ने भी इनके आगे रोटी फेंक कर अपना मन चाहा काम इनसे करवाया। <BR/><BR/>आप लिखने का काम और सत्य को प्रकाशित करने काम जारी रखे। साधुवादUnknownhttps://www.blogger.com/profile/08946569807621097540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1629977906422155336.post-74421498002449196172008-12-07T02:08:00.000-08:002008-12-07T02:08:00.000-08:00"तिलमिलाते, छटपटाते और कराहते देखने में मुझे और मे..."तिलमिलाते, छटपटाते और कराहते देखने में मुझे और मेरे कई साथियों को हर्ष व गर्व की मिश्रित अनुभूति हुई"<BR/>kya baat hai <BR/>aisi hi bhavna aatankiyon ki bhi hoti hai kya koi fark hai isme?<BR/>sharmnaakUnknownhttps://www.blogger.com/profile/11794482922738483483noreply@blogger.com