मंगलवार, 13 जुलाई 2010

कश्मीर भी गुजरात बनेगा

देशभक्तों,

कश्मीर की समस्या। हम जब से बड़े हुए तब से यही पढ़ते सुनते आ रहे हैं। कभी कश्मीरी पण्डितों का खदेड़ा जाना तो कभी खुले आम खून खराबा। और इसका कारण केवल और केवल घाटी के नृशंस मुसलमान। पर आज ये क्रूर कौम दुखी है। कारण है सुरक्षा बल जो इनकी हैवानियत के विस्तार पर थोड़ा अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

असल में लड़ाई झगड़ा दंगा फसाद मुसलमान की फितरत में है। क्या करें मुहम्मद लड़ाका था और इसीलिए उसने जो प्यार के संदेश दिए, जो अमन की इबारतें कुरआन में लिखीं और जो सपने उसने देखे उनको साकार करने के लिए उसके अनुयायी दुनियाँ भर में उत्पात मचाते घूम रहे हैं। पहले कश्मीर में हिन्दू मुसलमानो में झगड़ा हुआ तो हिन्दू शराफ़त से पलायन कर गए। फिर धीरे धीरे घाटी में बचे सिर्फ मुसलमान। अब कर्बला रे वीरों के पास कुछ नहीं बचा। उनके पाकिस्तानी भाई भी बोर होने लगे। फिर िन्होंने आपस में ही दंगे शुरू कर दिए। पुलिस ने रोका तो उसे भी मारा। फिर सेना की मदद ली गई तो रोने लगे।

खैर हमें इस देशद्रोही कौम से हमें कोई सहानुभूति नहीं। हमें तो उस दिन की प्रतीक्षा है जब कश्मीर भी गुजरात हो जाएगा। एक बार फिर छोटे से तूफान के बाद शान्ति हो जाएगी और विकास का चक्र तीव्र गति से घूमेगा।

रही बात मुसलमान की वो तो 1400 वर्ष से लड़ता रहा है। हिन्दू के साथ रहेगा तो हिन्दू से लड़ेगा। अनपढ़ होगा तो दंगे करेगा गोधरा जैसे जघन्य पाप करेगा। पढ़ेगा लिखेगा तो तौकीर बनेगा और बम बनाएगा। मुसलमान अगर अकेला रहेगा तो शिया सुन्नी की लड़ाई लड़ेगा। फिर उसके बाद कौन ज्यादा मुसलमान है इस बात के लिए संघर्षरत हो जाएगा।

पर हमें प्रतीक्षा है कश्मीर कब गुजरात बनेगा।