सोमवार, 1 दिसंबर 2008

मार्क्सवाद और इस्लाम- राष्ट्रद्रोह के प्रबल अध्याय

देशप्रेमियों!!

26 से 29 नवंबर तक मुंबई में जो देश ने देखा वो सच्चे इस्लाम का चेहरा था और उसके बाद जो भी कुछ हुआ उसने मार्क्सवाद को बेनक़ाब कर दिया। लोगों ने महसूस किया कि दोनों समुदाय राष्ट्र के प्रति कितनी दुर्भावना रखते हैं। पहले तो अल्लाह के नेक बन्दों ने हमारे 185 निर्दोष लोगों को नृशंसता से मार डाला और फिर उसके अगले ही दिन जब राजनैतिक दबाव में केरल की साम्यवादी सरकार के मुख्यमंत्री मेजर सन्दीप को श्रद्धांजलि देने पहुँचे तो उनके पिता उन्नीकृष्णन द्वारा बाहर खदेड़ दिए गए। इसके बाद खिसिया के उन्होंने जो बयान दिया वह उनकी तुच्छ मानसिकता और ओछी विचारधारा का परिचायक है। उनकी घृणित टिप्पणी मैं इसलिए यहाँ नहीं लिख रहा क्योंकि ये बात देश का हर इंसान जानता है और दूसरे वो घटिया बात यहाँ लिखना एक शहीद का अपमान होगा।


हम उन सीएम साहब को कितना भी कोस लें लेकिन उन्होंने अपना मकसद हल कर ही लिया। उनके बयान से जो हमारे सुरक्षा बलों का मनोबल गिरा है वह किसी भी मार्क्सवादी और मुसलमान के लिए हर्ष का विषय है। आप इन महाशय को कितनी भी गालियाँ दे दीजिए लेकिन वह अपने राष्ट्र विरोधी एजेण्डे में सफल हो ही गए। इस पर कोई विचार नहीं करता। क्योंकि 1000 साल की ग़ुलामी के बाद हिन्दू में तार्किक शक्ति का इतना ह्रास हो चुका है कि उसे छिपी हुई बातें समझ में ही नहीं आतीं।

ज़रा सोचिए। हमारे सैन्य बलों ने जहाँ 1965, 1971 और 1999 में मुसलमानों के विरुद्ध युद्ध किया वहीं 1962 में जंग के मैदान में कम्युनिस्ट चीन से टक्कर ली। ऐसे में देश के मुसलमानों और कम्युनिस्टों की आँखों को हमारे जवान और हमारी सैन्य शक्ति खटकने लगी। मुसलमान ने कश्मीर में सैन्य बलों को निशाना बनाया तो कम्युनिस्टों ने नक्सलवादियों को प्रशिक्षित करके अपनी विचारधारा को आकार देने का प्रयास किया। फिर दोनों समुदाय मिलकर शहीदों के बलिदानों को झुठलाने या फिर येन केन प्रकारेण छोटा बताने पर तुल गए। आज स्थिति खतरनाक है दिल्ली का इमाम मोहन चन्द्र शर्मा की शहादत को खाक करने की कोशिश कर रहा है तो केरल का मुख्यमन्त्री मेजर सन्दीप को अपमानित कर रहा है। वहीं मीडिया में बैठे मुसलमान और कम्युनिस्ट साध्वी और कर्नल पुरोहित को हिन्दू आतंकवादी बता कर हिन्दुत्व और सैन्यबलों पर वैचारिक प्रहार कर रहे हैं।


समय समझने और सम्भलने का है। और मामुओं यानी मार्क्सवादी और मुसलमानों को देश से ठीक वैसे ही खदेड़ने का जैसे श्री उन्नीकृष्णन ने अच्युतानन्दन को अपने घर खदेड़ा था।

वन्देमातरम्

9 टिप्‍पणियां:

युग-विमर्श ने कहा…

क्या कहना आपका. खूब पहचाना है आपने देश-द्रोहियों [सच्चे मुसलामानों /मार्क्सवादियों ] को. खदेड़ दीजिये इन्हें देश के बाहर.देश में शान्ति-ही शान्ति रहेगी. और हाँ निर्दोष मारे जाने वालों की 185 की संख्या से आपने देश-द्रोहियों अर्थात मुसलामानों और मार्क्सवादियों को तो घटाया ही नहीं.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

jo koi bhi is desh ke prati imandar nahin hai, use khadedna bilkul uchit hoga. jo koi bhi.

Unknown ने कहा…

दोनो विचारधारा विदेशी भुमि से उब्जी है। दोनो सर्वसत्तावादी है - जो हाथ धोने से हगने मुतने तक का निर्देश देती है। दोनो हिंसा को जायज ठहराती है। लेकिन कही भी एक साथ मौजुद नही रहती है।

Sarita Chaturvedi ने कहा…

DUKH HOTA HAI AAPKI BATO KO PADHKAR.....KHUD KO HINDU KAHE SE PAHLE HINDU HONE KA MATLAB SAMJHE.....MAI AAPKE LIYE KISI BHI AISE SHABD KA PRAYOG KARNE SE BACHNA CHAHTI HU JO MUJHE AAPKI SHRENI ME LAKAR KHADA KAR DE.....TAMAM WRITERS HOTE HAI...VICHAR BHI UTANE HOTE HAI...YE BHARAT HAI....AUR LOKTANTR ISKI PAHCHAN...AAP US RAH PAR CHALNA CHAHTE HAI JAHA IS LOKTARNTR KI KOI MAYNE NAHI HONGE....AUR PLZ PRASUN KO KUCH BHI KAHNE SE PAHLE YA KISI BHI WRITER KO APNA NISANA BANANE SE PAHLE TAMAM BINDUWO PAR VICHAR KAR LE TO BEHTAR HOGA....MAI KHUD KO AAP SE BADA HINDU MANTI HU....PAR VICHARO KO SUNANA MUJHE AATA HAI....YAHA KOI HITLAR SAHI NAHI HAI KI KOI APNI BAT TAK LIKHNE ME SANKOCH KARE....MAI AAP KI HAR BAT KO KHARIJ KARTI HU..!

प्रकाश गोविंद ने कहा…

भाईयों मैंने जब से ये वीडियो देखा है, तब से खून उबल रहा है ! बुरी से बुरी गालियाँ निकल रही हैं ! पाकिस्तान मीडिया की बेशर्मी देखकर आप लोग भी यही कहेंगे कि बस अब आर पार की लडाई हो ही जानी चाहिए !
कुत्ते कमीने जिसकी जान है बस वही पाकिस्तान है
रंडीबाजी और वेश्यालय पर टिका जिसका इमान है बस वही पाकिस्तान है...
आप लोग भी जरा इस वीडियो को देखिये :

http://www.youtube.com/watch?v=Eij5o7XizIA

Ashok Kumar pandey ने कहा…

आप जैसे पागल लोगों ने इस देश को कत्लोगारत का मैदान बना दिया है.
भगत सिंह ने कहा था सांप्रदायिक होना इंसानियत का दुश्मन होना है ...आप हैं
हिन्दुस्तान किसीके बाप का नहीं है
खदेडा मोदी को करकरे के घरवालों ने भी था उसकी बात क्यों नहीं करते?
लाशों पर सत्ता के महल बनाने वालों के अंत से ही यह देश प्रगति करेगा
और ये होगा ही

Ashok Kumar pandey ने कहा…

राष्ट्रवाद भी विदेशों में ही जन्मा है ... ये लेखक हिटलर की किताब पढता है और मार्क्सवाद को गाली देता है

swamiji27 ने कहा…

IS BHARATBHUMI PAR, AHINSAAWADI AUR KRAANTIKAARI,DONO HI PRAKAAR KE LOG RAHE HAI AUR DONO KI IS BHARATBHUMI PAR AWASHYAKATAA HAI. USI PRAKAAR SE JIS PARAKAAR GARMI AUR THANDI KI AWASHYAKATA HOTI HAI.MAI APAKO KRANTIKARI RASHTRA BAHKT MAANATA HU. YAH NISHCHIT SATYA HAI KI MARKSAWAADIYON KI SHOCH KABHI BHI BHARAT KE PRATI SAMARPIT NAHI RAHI HAI. 1962 KE CHIN AKRAMAN KE SAMAY MARKSAWAADIYON KI SOCH RASHTRADROHI KI THI. SACH BAAT YAH HAI KI SIRF APANE SWARTH HIT ME RAT KISI BHI BEIMAN VYAKTI ME RASHTRA PREM KA BHAAV UTPANNA NAHI HO SAKTA KYOKI YE SABHI RASHTRA KI NIV KO KHOKALI KARTE HAI. MAI MANATA KI VO SABHI VYAKTI RASHTRADRAHI HAI, JO BHRASHTRACHAAR ME LIPT HAI. HAME INKE KHILAF BHI KATHOR KADAM UTHANA CHAAHIYE AUR YAH KAAM NARAM AUR GARAM DONO DALON KO KARANAA HOGA.IN ATANKI GHATANAO KE LIYE KAHI KAHI YE BHRASHTRACHAARI BHI SHAAMIL HAI, FIR VO CHAAHE NETAA HO YA SARAKAARI KARMACHAARI. HAM SAAMANEWAALE SHATRU SE LAD SAKTE HAI PARANTU PITH PICHHEWAALE JYAADAA GHAATAK SIDHDA HOTE HAI.

Unknown ने कहा…

Aap bahut acha likhte hai..............................
Good keep it up

U had known all the things...........
Really CPM is a goonda party, they are destroying our country.
Please save our country from illegal bangaldeshis .....they are still coming from west bengal boarders......

please reply me how we can save our country..............
i am frustrated when i think all these things...............
plesase answer me.

A Deshbakht.