साध्वी प्रज्ञा का लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ। तीन दिन चले इस टेस्ट में पुलिस को हाथ लगी तो केवल नाकामी। मीडिया में बैठे तमाम सेक्युलरवादियों ने खबर चलाई कि ये साध्वी का सम्मोहन था। वह शायद तंत्र मंत्र जानती है। वह शायद जादू टोना करती हैं। इसीलिए तो अपना ‘जुर्म’ नहीं कुबूला। अरे साध्वी जी आपने क्यों नहीं कहा कि बम विस्फोट आपने ही करवाया था। देखिए बेचारे कितने अमर सिंह, लालू यादव, राम विलास पासवान, शरद पवारों की भावनाएँ आहत हुईं। कितने तौक़ीर, असलम, इस्माइल, अली, मुहम्मद, यूसुफ़, यूनिस, अकरम चकरमों के चेहरे जो अब तक ख़ुशी से चमक रहे थे आज मायूस हैं। आप क्यों नहीं समझती कि आपके इस रवैये से इसलाम ख़तरे में आ गया है?भई हमें तो यही सीख मिली है अपने गुरुजनों से, माता पिता से कि अगर तुम्हारे साँस लेने से भी मुसलमान को अगर दिक्कत हो तो थोड़ी देर रुक जाओ। सालों से हमें जो एकता और सौहार्द्र की घुट्टी पिलाई गई है ये उसी का नतीजा है। इन देशद्रोहियों के लिए प्यार पनपाने के लिए हमारे घरों में जो सीख दी जाती है उसी की वजह से हम इस क्रान्तिकारी साध्वी की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा करने में अक्षम हैं। धर्म निरपेक्ष दल, साम्यवादी और देशद्रोही मुसलमान हर तरह का प्रपंच कर रहे हैं किस क्रान्ति को हिन्दू आतंकवाद का नाम देकर हमारे धर्म को इतिहास में कलंकित कर दें।
हिन्दू संगठन किंकर्तव्यविमूढ़ हैं। भाजपा भी गद्दारों के वोट पाने के लिए कुछ भी नहीं बोल रही। हिन्दू राष्ट्र के लिए कार्यरत होने का दावा करने वाला संघ भी इस मामले से पल्ला झाड़ रहा है। न तो पुलिस हमारे लिए है, न ही कोई राजनीतिक दल, न मीडिया। ऐसी स्थिति में एक ही विकल्प बचता है। स्वयम् अपनी रक्षा करें। अपने देश की रक्षा करें। अपने समाज की रक्षा करें। यह विद्रोह नहीं आत्मरक्षा हेतु महायज्ञ है। इसमें अगर अपना सर्वस्व भी होम करना पड़े तो करो।
चाहे जहाँ भी हो वहाँ कोशिश करो हिन्दुत्व के प्रचार प्रसार की। इसलाम के विनाश की। हिन्दुओं में एकता की, सद्भाव की। तभी हम इस देशद्रोह की महफ़िल को मातम में बदलने में कामयाब हो पाएँगे। भारत माता की जय!!
मंगलवार, 4 नवंबर 2008
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7 टिप्पणियां:
APNE ACHA LIKHA HAI
भारत माता की जय...!
भीतर-बाहर देखलो, खतरे में है देश.
सत्ता पाने के लिये नेता बदले वेश.
नेता बदले वेश, काँग्रेस या भाजपा.
माया-ललिता-ममता-लालू, या बन्गरपा.
अब साधक इस वोट-तन्त्र से बाहर निकलो.
पूरा तन्त्र सङा है, भीतर-बाहर देखलो.
बाङ खा रही खेत को, कौन बचाये और.
लालच की सीमा नही ,डाक्टर किडनी चोर.
डाक्टर किडनी चोर,गुरु असमत ले लेते.
ये दोनो भगवान, आस्था ही हर लेते.
कह साधक विश्वासों का संकट गहरा है.
सांस्कृतिक मूल्यॊ पर सरकारी पहरा है.
काफी उम्दा आलेख, मजा आ गया।
इस दुनियाँ में शान्ति का दुश्मन मुसलमान.
जब तक वह जिन्दा रहे, तब तक पढे कुरान.
जब तक पढे कुरान, और जेहाद चलाये.
इत्तर-धर्मी चैन से कैसे सोने पाये.
कह साधक कवि, रहना चाहो अगर चैन से.
मुसलमान को खतम करो सारी ्दुनियाँ से.
We are going to nuke all you Hindu terrorists, We are going to destroy your RSS terrorist camps one by one. We are going to eliminate Hindu terrorism from this world.
sadvi pragya ne wahi kiya jo ek bhartiy ko karana chaahiye.vaise ab tak pariannm samne nahi aaye hai. fir bhi agar satya saabit hota hai to tab bhi wah aadar ki paatra hai. kya aurangajeb jaise aatatayiyon se ladane ke liye SHIWAJI MAHARAJ jaise mahaapurashako paida nahi hona chaahiye. jab desh ki gaddi par soniya gandhi jaisi videshi mahila baithi ho us desh me pragya saadhvi jaisi lakshmibai ki aawashyakata hoti hai. aakhir chup chhap atyaachaar sahna bhi to aparaadh hai. kya aatakwaadiyo ka atyaachaar sahnewaale ham sab aparaadhi nahi hai? ye rajtantra to nahi hai ki kisi raajaa ko dishi maanaa jaay,prajaatantra ki vyawastha me to prajaa hi jimmedaar hoti hai. aakhir des ki sarakaar bhi prajaa hi chunati hai,to jimmedaar kaun aur jimmedaari kiski? kya jinaki ragon me bhi garam khun bahta hai, we bhi kayarataa ko apanaana chaahate hai?
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